उत्तर भारत में गुर्दे की पथरी के केस तेजी से बढ रहे हैं, यहां के मरीजों में पथरी का आकार भी बढा होता है। इसके पीछे पानी में सॉल्ट, गुटखा, तंबाकू का सेवन और कम पानी पीना है। यूरिनरी इन्फेक्शन के कारण भी गुर्दे की पथरी होने की आशंका रहती है, इससे पेशाब में पीएच बढ जाती है और पथरी होने की आशंका भी बढ जाती है। एक बार पथरी होने के बाद गुटखा, तंबाकू और दूध के उत्पादों का सेवन ना करें, इससे दोबारा पथरी होने की आशंका रहती है।
पांच से सात लीटर पीएं पानी
गुर्दे की पथरी से बचने के लिए दिन में डेढ लीटर पेशाब आना आवश्यक है। इसके लिए गर्मियों में पांच से सात लीटर पानी पीएं। अक्सर कामकाजी लोग टॉयलेट की सुविधा न होने से पानी कम पीते हैं, इससे भी गुर्दे की पथरी के केस बढ रहे हैं।
एक से दो साल के बच्चों में भी पथरी
डॉ मधुसूदन अग्रवाल ने बताया कि एक से दो साल के बच्चों में भी गुर्दे की पथरी देखने को मिल रही है, यह हैरान करने वाला है। यह किस कारण से है, यह कहना अभी मुश्किल है।
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