अशरफ शेख, कानपुर
दिल्ली : बीजेपी की नवनिर्मित सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शायद बड़बोली बयानबाजी और बेफिजूल की बकवास बाजी को बीजेपी में ऊपर बढ़ने का नुस्खा मान बैठी हैं।चुनाव के लिए नामांकन भरने से लेकर चुनाव जीतने के बाद तक प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ऐसे कई उल जलूल बयान दे डाले जिससे उनकी राजनैतिक क्षमता के साथ मानसिक चेतना पर भी सवाल उठने लगे। हालिया मामला उनके एक बयान का है जिसमे उन्होंने बीजेपी के विभिन्न वरिष्ठ नेताओं के निधन का कारण विपक्ष द्वारा करवाये गए जादू टोने को ठहरा दिया।भोपाल से सांसद और हिंदुत्व की लहर पर सवार होकर कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह को हराकर संसद पहुंची प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने पूर्व में एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की मौत को अपने द्वारा दिए गए श्राप के कारण संभव होना बताया था जिसपर उनकी काफी किरकिरी हुई थी और अंत में उन्हें माफ़ी भी मांगनी पड़ी थी।
ये वही प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं जिन्होंने महात्मा गांधी के खिलाफ जहर उगल था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे नाराजगी जताकर उन्हें कभी न माफ़ कर पाने की बात कही थी। प्रज्ञा सिंह ठाकुर की अभी तो मुख्यधारा की राजनीति में ये शुरुआत है मगर कई सारे विवादों के साथ वो अपने पार्टी के कई बड़बोले नेताओं को पीछे छोड़ती दिखाई दे रही हैं।
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