बिग पेजेस डिजिटल टीम
आगरा : सामूहिक विवाह में नाबालिगों का विवाह प्रशासन के गले की फांस बनता जा रहा है। एक माह बाद भी कार्यवाही न किए जाने पर महिला आयोग ने नाराजगी व्यक्त की है। महिला आयोग सदस्य निर्मला दीक्षित ने पत्र जारी कर पांच दिन में रिपोर्ट तलब की है। महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने डीएम और एसएसपी को पत्र जारी किशोर न्याय अधिनियम, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम तथा पाॅक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही करने को कहा था। साथ इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए गाइड लाइन जारी करने तथा बाल विवाह रोकने के लिए टाॅस्क फोर्स गठित करने को कहा था। लेकिन प्रशासन ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की, जिस पर महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित नाराज हैं। उन्होंने डीएम तथा एसएसपी को पत्र जारी कर पांच दिन में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि समय पर कार्यवाही की रिपोर्ट नहीं भेजी गई तो लखनऊ डीएम तथा एसएसपी को सम्मन जारी हो सकता है।
गौरतलब है कि देवोत्थान पर विश्व सेवा चैरिटेबिल ट्रस्ट द्वारा जीआईसी मैदान में सामूहिक विवाह आयोजित किए थे। चाइल्ड लाइन तथा महफूज संस्था की जांच में खुलासा हुआ था कि समारोह में आठ नाबालिगों का भी विवाह कर दिया था। महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने इसकी महिला आयोग और बाल आयोग से की थी। महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। आयोजकों ने फार्म में जो उम्र के दस्तावेज लगाए थे उनके अनुसार आठ नाबालिग पाए गए हैं। जांच के दौरान आयोजकों को बताया गया था कि यह नाबालिग हैं। इनका विवाह करना कानून जुर्म है। फिर भी आयोजकों ने नाबालिग दुल्हनों की विदाई कर दी। सामूहिक विवाह लगातार हो रहे हैं। उनमें किए जा रहे विवाह भी संदेह के घेरे में हैं।
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