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आगरा। चैत्र नवारत्रि की नवमी पर ऐसी मान्यताएं हैं कि जो लोग नवरात्रि में व्रत नहीं रख पाते हैं उन्हें नवमी पर कन्या पूजन से व्रत रखने वाले साधक के समान ही फल मिल जाता है। इस दिन मां महागौरी की उपासना से मनचाहा वरदान पाया जा सकता है। ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल दोपहर 01:23 बजे से शुरू हो रही है जिसका समापन अगले दिन यानी 17 अप्रैल को दोपहर 03:15 बजे होगा | पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 17 अप्रैल को सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक रहेगा। नवमी तिथि के दिन अपनी सुविधा के अनुसार कन्या पूजन कर सकते हैं। नौ कन्याओं के पूजन से शुभ फल की प्राप्ति होती है | भगवती की पूजा से धर्म, अर्थ और काम की सिद्धि मिलती है साथ ही धन का आगमन एवं पुत्र का संवर्द्धन भी होता है |

कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि पर नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं | कन्या पूजन में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु की कन्याओं को घर पर बुलाकर उनका पूजन और भोजन के लिए आमंत्रित करे। मान्यता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं। शास्त्रों के अनुसार कन्याओं को देवी का स्वरूप माना गया है। 

महानवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2024
17 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 27 मिनट से लेकर 07 बजकर 51 तक कन्या पूजन कर सकते हैं। वहीं दोपहर को अगर कन्या पूजन करना चाहते हैं तो 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट किया जा सकता है। 

कन्या पूजन की विधि
कन्याओं के घर आगमन पर पूजन करते समय शुद्ध जल से उनके चरण धोने चाहिए फिर आसन पर बैठाएं। खीर, पूरी,चने, हलवा आदि भोजन का माता को भोग लगाकर कन्याओं को भोजन कराएं। कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें टीका लगाएं और कलाई पर रक्षासूत्र बांधें। प्रदक्षिणा कर उनके चरण स्पर्श करते हुए यथाशक्ति वस्त्र, फल और दक्षिणा देकर विदा करें।

कन्या पूजन मंत्र
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। 
शरण्येत्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।
ऊं श्री दुं दुर्गायै नम: 
ऊं श्री कुमार्यै नम:
ऊं श्री त्रिगुणात्मिकायै नम:

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